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लेखनी कहानी -04-Jul-2025

कर हिम्मत, है गर जोश तुझमें दिखा हौंसला ,गर तुझमें कुछ कर गुजरने का मत डर, हो निडर, है गर निरन्तर कर्म किए जा ,आगे कदम बढ़ाए जा है ज़िन्दगी संघर्षों की ,न डगमगाना कभी गर कभी सफ़ल न हो तो,न हारना हिम्मत कभी उठ कर फिर ,एक नया कदम आगे बढ़ाया जा आज नहीं तो कल,उस मुकाम पर पहुंचना ही है। कर हिम्मत , है गर जोश तुझमें रख हौंसला बुलंद अपना हार के बाद जीत अपनी ही है।

मेरी कलम से रिंकी वट्टी 📝

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